मैं देखु जिस और सखी री,
सामने मेरे सांवरिया,
Tag: Dhire dhire dholak bajayiyo meri sakhiyo
चली आइयो सखियां सारी, वंशीवट पे।
चलो-२ सखी अब जाना,पिया भेज दिया परवाना।
बज गए ढोल नगाड़े,होय क्या बात हो गई।
सखी माता के मेला में, में तो डटगी।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
माजीसा घूमर गालो तो राणो ढोल बजावे
ढोलक बजाऊं सारी रात, मैयाजी तुमको सोने ना दूंगी
धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
म्हारी अंखियां में पड़गी रे गुलाल कन्हैया,
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