ऐसी होली तोहे खिलाऊँ।
दूध छटी को याद दिलाऊँ,अइयो सावरे।
Tag: Mhari ankhiya me padgi re gulal
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
म्हारी अंखियां में पड़गी रे गुलाल कन्हैया,
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ।
दूध छटी को याद दिलाऊँ,अइयो सावरे।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
म्हारी अंखियां में पड़गी रे गुलाल कन्हैया,