तर्ज, जीजा जोबानिया जलेबी भरी
सखी माता के मेला में, में तो डटगी।शेरावाली के चरणों में रात कटगी।शेरावाली के चरणों में रात कटगी।शेरावाली के चरणों में रात कटगी।
देशी घी को दिवलो जोयो,बाती लगाई घनेरी।हाथ जोड़कर बोली मैया,झोली भर दो मेरी।🌺में तो आई दर पे आश लेकर,कबकी।🌺🌺🌺शेरावाली के चरणों में रात कटगी।
हार गई सारी दुनियां से,तेरे दर पे आगी।बेटा चाहे होवे कुपातर, माता होवे सागी।🌺🌺🌺मैया दर दर में तो सारे भटकी।शेरावाली के चरणों में रात कटगी।
दुनियां तने पूजे मैया,थारे में है शक्ति।है अगर तूं सच्ची मैया,भर दे मन में भक्ति।🌺🌺🌺🌺शेरावाली आजा शेर चढ़के जल्दी।शेरावाली के चरणों में रात कटगी।