भव बंधन से मुक्ति हो सब बन जाएंगे काम
Tag: Hari sundar nand mukunda
मुकुट पर वारी, वारी बनवारी।
म्हारी अंखियां में पड़गी रे गुलाल कन्हैया,
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला
भजो भजो गोपाल,देखो प्रकट भये नंदलाला
हरि सुंदर नंद मुकुंदा हरि नारायण हरि ओम