धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
बागों से जाके मैं फूल ले आई। फूलों की हमने माला बनाई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मैया को खूब सजाया रे सब भक्त दीवाने।धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
गंगा जमुना से जल भर लाई। भर भर हमने कलश धराये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मैया के चरण धुलाये रे सब भक्त दीवाने।धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
लौग का जोड़ा मां को चढ़ाया। हलुआ पूड़ी का भोग लगाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मैया ने भरे भंडारे रे सब भक्त दीवाने।धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
सोलह श्रृंगार अपनी मैया को कराया। भक्तों ने जयकारा लगाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 लाल चुनरिया ओढ़ाई रे सब भक्त दीवाने।धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।
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धीरे धीरे ढोलक बजइयो मेरी सखियों, मैया भवन में आईं रे सब भक्त दीवाने।