चली आइयो सखियां सारी, वंशीवट पे।
Tag: Kaise batau kaisa sakhiri mera satguru
हा रे सतगुरु आवोला,
अमृत रा प्याला कद भर पावोला,
आप बिना मेरों कौन धणी है,
वेगा पधारों म्हारा सतगुरु,
गुरु जी मेरे ले लो कलम दवात, लेख मेरे बढ़िया से लिखियो।
सखी माता के मेला में, में तो डटगी।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया
कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा
बताओ कहां मिलेगा श्याम