श्याम मुरली तो बजाने आओ,
रूठी राधा को मनाने आओ ।
Tag: Aisi bansi bajayi shyam ne
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।
जब श्याम ने पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना,
ओ मेरे नैनो में बस गए श्याम,
अब डर काहे का,
तू नटवर तू श्याम है, मनमोहन घनश्याम है।
बरसाने की गली गली में, बाजत आज बधाई।
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
बजने दो भाई बजने दो, मेरी मैया का ढोलक बजने दो।
दिनों का पालन हारा दुखियों का एक सहारा। मेरा श्याम है
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है।
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