मेरा लाख टके का झुनझुना,
में तो ल्याई कटरा से मोल, झनाझन बाजे झुनझुना,
Tag: gaje baje se padharo dadi aaj
बाजे रे मुरलिया बाजे।
मेरे शीष के दानी का,
सारे जग में डंका बाजे।।
दादी जी म्हारे घरा पधारी, तन धन जी भी साथ है।
चालो खुशियां मनावां, झुमां नाचां और गावां
दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी
म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।
बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
खाले डट के रे भोग लगाले डट के।
दादी चुनरी मुलायी,तने भाई की ना भाई
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