पड़या क्यों खटिया में। ओ भोले इंसान की जिंदगी दो दिन की।
Category: विविध भजन
संसार के लोगों से आशा ना किया करना,
जब संत मिलन हो जाए
तेरी वाणी हरी गुण गाए
काऊ दिन पाले सुआ उड़ जायेंगे।
मिठो जग में बोलणो हो रे हँसला फेर मिला ला नाय
हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
छोटे छोटे बालक बना दिए री तीनों देव सती ने।
आ गई है गौरा, घर-घर में मचे शोर। मैं बनी पतंग मेरी, गोरा बन गई डोर।
मीठी वाणी से हरी नाम जप ले, तेरा जीवन सवरने लगेगा
धरती माता नो वालो पेरू घाघरो,
में तो अमर चुनड़ी ओढू,
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