धरती माता नो वालो पेरू घाघरो,
में तो अमर चुनड़ी ओढू,
में तो संतो रे भेली रेवू,
में तो बाबो रे भेली रेवू,
आठ पुरुष री चेली जी ।
चाँद सूरज मारे, आंगने लगाऊ,
में तो चरना रो, जाँजर पेरू।
में तो संतो रे भेली रेवू..
ज्ञानी ध्यानी रे, बगल में राखु,
हनुमान वालो, कोंकण पेरू।
में तो संतो रे भेली रेवू..
नव लख तारा, मारे आंगने लगाऊ,
में तो चरना रो, जाँजर पेरू।
में तो संतो रे भेली रेवू..
पारस ने सरहद कर राखु
में तो डूंगर डोडी में खेलु।
में तो संतो रे भेली रेवू..
नव काली नाग, मारे चोटड़े बंधाऊ,
जद मारो, माथो सुखाऊ।
में तो संतो रे भेली रेवू..
दोई कर जोड़, मीरा बाई बोले,
में तो गुण, गोविन्द रा गाऊ।
में तो संतो रे भेली रेवू..