तुम बिन नाथ कौन गति मेरी।
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शिव शंकर भोले नाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे।
टाबरिया अरदास करे रे,
मत ना टारो जी,
आन संभालो जी सावर,
आन संभालो जी
काऊ दिन पाले सुआ उड़ जायेंगे।
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
म्हारा खूब सज्या रे दीनानाथ,
म्हारा मन मोह लिया,