हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।
Tag: Ekdin me kharid layi
काऊ दिन पाले सुआ उड़ जायेंगे।
तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी।
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,ये मैं जानू या वो जाने,
अमूवा की डाली हिंडो घाल्यों, जे कोई झूलन आय
एकदिन में खरीद लाई,छोटी सी लटाई
नरम नरम लायी घाल, गरम कान्हा माखन रोट