हार हार के हारों का एक,हार बनाया है,
Tag: Kabhi wo haar nahi sakta
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
हार कर दर पे जो आता है
कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके,
चली आना मैया जी चली आना
कोई लाख करे चतुरायी,करम का लेख मिटे ना रे भाई
हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।