हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।नगीने कुंडल के,हो बाबा बंबई के मशहूर।🌺ये बागा जयपुर का।ये बागा जयपुर का।
श्याम सोना सोना, तुम्हारा यह मुखड़ा। देख कर लगता है, चांद का है टुकड़ा।🌺🌺🌺 मारे शर्म के चांद सितारे, झुकने को मजबूर।हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।
आज दरबार सजा, जैसे कोई जादू से। छोड़ मंदिर आया, यह दूल्हा खाटू से।🌺🌺🌺 लूंन राई वारो, नजर लग गई है जरूर।हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।
लटकती ऐसी जी, गले की हर माला। श्याम मेरा बैठा हो, पहन के वरमाला।🌺🌺🌺ऐसा लगता होगा यहां पर, शादी का दस्तूर।हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।
नजारा ऐसे लगे, आए दिन फागन के। यही दिन बनवारी, भक्तों के नाचन के।🌺🌺🌺 नाच नाच कर लूटो लूटो, आनंद है भरपूर।हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।
हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।नगीने कुंडल के,हो बाबा बंबई के मशहूर।🌺ये बागा जयपुर का।ये बागा जयपुर का।