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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Tu baith palki narayani, तूं बैठ पालकी नारायणी,dadi bhajan

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली

तर्ज,बाबुल की दुवाएं लेती जा

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली। सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

अब किसका लाड लडाऊंगी, किसे मन की बात बताऊंगी। मैं हाथ फिरा किस के सर पर, आंचल में अपने सुलाऊंगी।🌺🌺🌺 मां की आंखे झुर झुर रोवे, बाबुल की छाती आज जली।सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली। सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

तेरी गईया कौन चराएगा, अब गीता कौन सुनाएगा। हमें रोज सवेरे उठ करके, रामायण कौन सुनाएगा।🌺🌺🌺🌺🌺 तेरे मात पिता को हे लाडो, संभला के किसे तूं आज चली।सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली। सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

हे सूरज तुम से विनती है, कहीं ज्यादा ताप नहीं करना। तेरे तेज से कुंभला जाए ना,फूलों सी कोमल है ललना।🌺🌺🌺🌺 हे बादल तुम,छाए रहना,मुरझा ना जाए मेरी कली।सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली। सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

बेटी तो पराई अमानत है एकदिन लौटानी पड़ती है। मैंकै से उसकी डोली उठे, ससुराल से अर्थी उठती है।🌺🌺🌺🌺🌺अब हर्ष तेरा पीहर छूटा,आबाद रहे साजन की गली।सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली। सूना सा हुआ आंगन मां का, वीरान हुई बाबुल की गली।

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