मेरी प्यारी नाराणी, बनेगी दुल्हनिया।
Tag: Ranisati dadi
तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली
म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।
गल मोत्यां को हार,सिर चुनड़ चमकदार
जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे
गिनती कोन्या देहली ऊपर, कितना सथीया रोज मंडे।
दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया
बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
ओढ़ चुनरिया लाल,बैठी है दादी सज धज के।
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