करस्यां सिंधारा थारा मावड़ी
Tag: Sawan jhumto aayo re dadi
दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी
तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली
दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी
दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया
ओढ़ चुनरिया लाल,बैठी है दादी सज धज के।
दादी चुनरी मुलायी,तने भाई की ना भाई
चांदी की कटोरी में धुलवाई,मंडवाले दादी में मेहंदी ल्यायी
झूलो घाल्यों रे कदम की डार,दादी म्हारी झूल रही।
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