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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Dadiji mhari amar suhagan ji, दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी,dadi bhajan

दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी

तर्ज, माई ये थारी जोत सवाई ये

दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी,कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

गुरसामलजी के आंगन जन्मी, नाराणी शुभ नाम। धन्य धन्य थारी मांत शारदा, धन्य डोकवा गांव।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺धन्य हो गयो वो,आंगन जी।कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

तनधन जी के मेहंदी मंडगी, सज सोलह सिंगार कोई चटक चुनरी लाल सुरंगी, गले में चंदर हार। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मंगल गूंजे है आंगन जी। कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

वीर गति पाई तनधनजी,मुकलावे की रात।खड़ग उठाकर बनी भवानी, दियो पति को साथ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दुष्ट दल लाग्या भागण जी।कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

सतवंती नारायणी बाई, करयो जगत में नाम। चिता की भस्मी राणा ल्यायो, बन्यो झुंझनू धाम।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मां थारी ज्योति, पावन जी।कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी,कोई बड़े नशीबां वाला पूजे, मां बडभागन जी।दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी।

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