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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Mhane chinta hai kyaki padi, म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,dadi bhajan

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

तर्ज,जिंदगी की ना टूटे लड़ी

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।म्हारी दादी की किरपा बड़ी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

लाख कांटा कोई भी बिछावे,होवे वोही जो दादी चाहवे।म्हारे खातिर मां हरदम लड़ी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

म्हारे घर में ना धन को तोड़ो,म्हारो अन्न सूं है कोठो भरयो।रहवे हरदम तिजोरी भरी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

चाहे कितनी भी आंधी आवे,चाहे कितना पत्ता सुख जावे।म्हारी बगिया ने राखे हरी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

मैया थांसूं बस इतनों चाहवां,हाथ थारो मां सिर पे पावां। रखो महापे नजर हर घड़ी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।म्हारी दादी की किरपा बड़ी।म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।

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