उत्सव की बेला आई,
घर घर में बँटे बधाई,
Tag: Bholi dhali pyari dadi ma
चले अइयो मोरे रसिया पलकन पे, चले अइयो।
ओ प्यारी प्यारी मईया
कहतें हैं कृषण कन्हाई –
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी
रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,नभ से बरसे अमृत धार
करस्यां सिंधारा थारा मावड़ी
दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी
चालो खुशियां मनावां, झुमां नाचां और गावां
मेरी प्यारी नाराणी, बनेगी दुल्हनिया।
गल मोत्यां को हार,सिर चुनड़ चमकदार
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