रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,नभ से बरसे अमृत धार
Tag: narani liyo avtar
सावन को महीनो, मन में उठे हिलोर।
गाजे-बाजे से पधारो दादी आज, उड़ीके थारा टाबरिया।
दादी चुनरिया थारी चमचम चमके
भीड़ पड़यां थाने आयां सरसी। यो दुःखडो तो मिटायां सरसी।
नाराणी लियो अवतार, बधाई सारे भक्ता ने।