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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Rimjhim rimjhim pade fuhar, रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,dadi bhajan

रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,नभ से बरसे अमृत धार

तर्ज,टूटी बाजूबंद री लूम

रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,नभ से बरसे अमृत धार।गावे कोयलडी मल्हार,आयो तिजां रो त्योहार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झूलो झूलो नी दादीजी,आयो सावनियों।

मीठी पवन मचावे शोर,मन में नाच रहया है मोर।आनंद छायों चारूं और, मनडो होगयो भाव विभोर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झूलो झूलो नी दादीजी,आयो सावनियों।

झूलो घाल्यो आम की डाल, जामे फुलां रो श्रृंगार। डोरी बांधी गोटेदार, थाम्या बैठी है सरकार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झूलो झूलो नी दादीजी,आयो सावनियों।

दादी सावन को यो मास,थाने लागे बड़ो ही खास।थारे चरणों का महे दास,सखियां की सुनल्यो अरदास।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झूलो झूलो नी दादीजी,आयो सावनियों।

रिमझिम रिमझिम पड़े फुहार,नभ से बरसे अमृत धार।गावे कोयलडी मल्हार,आयो तिजां रो त्योहार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झूलो झूलो नी दादीजी,आयो सावनियों।

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