सिर पे मां सोहे चुनरिया लाल, हाथों की मेहंदी लगती कमाल।
Tag: waha pe mera pran
दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी
बैठी हो मां सामने कर सोलह श्रृंगार
सिर पे मां सोहे चुनरिया लाल, हाथों की मेहंदी लगती कमाल।
दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी
बैठी हो मां सामने कर सोलह श्रृंगार