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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Dadiji ya vinti mhari, दादीजी या विनती म्हारी,dadi bhajan

दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी

तर्ज,चांदी की दीवार ना तोड़ी

दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी। श्री चरणों की सेवा करस्यां रखियो म्हाने चाकर जी।

पूजा विधि ना जाना कुछ भी, साची बात बतावां हां।रोली मौली श्रीफल ले मां, पूजन थाल सजावा हां। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पुष्पां से सिंगार करा हां, गुण थारा ही गावां हां। तन मन शीतल होवे थारे, चरणा रो जल पाकर जी।

दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी। श्री चरणों की सेवा करस्यां रखियो म्हाने चाकर जी।

वेद पुराण बखाने है मां, सतियां रो सत भारी है।पर थारी तो बात निराली,थारी महिमा न्यारी है। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चमके थारो तेज जगत में, सारी दुनिया ध्यारी है। जन्म जन्म का पाप कटे है, थारी शरण में आकर जी

दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी। श्री चरणों की सेवा करस्यां रखियो म्हाने चाकर जी।

आया दर पर आस लगाकर मां का दर्शन पावांगा। भक्ति भाव से भजन सुना कर दादी जी ने रिझावांगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 दयामई दातार भवानी, खाली हाथ न जावांगा। माता सुख से रह न सके है, टाबरिया ने भूलाकर जी

दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी। श्री चरणों की सेवा करस्यां रखियो म्हाने चाकर जी।

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