मन राधेश्याम सीताराम रट रे
तेरे संकट जाएंगे कट रे।
Tag: Bhajo man ram aur sita
सीता मैया ने करी है जीमनवार, पवन सुत हरे हरे,पवनसुत न्योत दिए।
बने दूल्हा छवि देखो श्री राम की,
दुल्हन बनी सिया जानकी।
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे।
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
शबरी राम को बेर खिला रही,मीठे चाख चख के।
राम करते रुदन निर भर के नयन, तीर मारा। हाय हाय मेरा लक्ष्मण प्यारा।
इक चुटकी सिन्दूर माँग भरी जो, मिल जाते मैया को मेरे श्री राम,
राम राम राम जी के दूत हनुमान जी।
राम का ऐसा दीवाना दूसरा कोई नहीं,
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