शबरी राम को बेर खिला रही,मीठे चाख चख के।
Category: शबरी भजन लिरिक्स shabri bhajan lyrics
तर्ज:- अब न छिपाऊँगा सबको बताऊंगा शबरी बिचारी है, प्रेम की मारी है,स्वागत में रघुबर के , सुद बुद्ध बिसारी है,लक्ष्मण सीताराम मेरे घर में पधारे ।। कबसे बैठी थी मैं आस लगाये, दो नैनन के दीप जलाये,रघुनंदन ने दर्श दिखाये, जन्म जन्म के सब सुख पाये,मेरी कुटिया के बड़े भाग सुहाने हैं, आज प्रभु […]
शबरी तुम्हारी बाट निहारे,दर्श दिखा जाओ मेरे राम।
चित्रकूट के घाट, घाट पर,शबरी देखे बाट,राम मेरे आ जाओ।
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
बोल बोल कागा मेरे राम कब आयेंगे