सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
ताकि हो गयी दयाल है भर लो झोलियाँ
माँ को सबका ख्याल है भर लो झोलियाँ।
हीरे कंकड़ों से छांटती भर लो झोलियाँ
माँ औलाद भी है देती भर लो झोलियाँ।
जायदाद भी है देती भर लो झोलियाँ
सच्चे दरबार आके भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
शीश माँ की चरणों में झुका के भर लो झोलियाँ।
विनती भावना से कर के भर लो झोलियाँ
गंगा नाम वाली कर के भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां।
मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।माँ बंधन देने वाली है,भर लो झोलियाँ। माँ भक्तों की रखवाली है,भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
जो जन आके इसके द्वारे, भर लो झोलियाँ।सच्चे मन से इसे पुकारे।भर लो झोलियाँ।उसके होते व्यारे न्यारे,भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
कहते है अंबर और जमीं,भर लो झोलियाँ।मेरे माँ के जैसा कोई नही,भर लो झोलियाँ।
भर लो झोलियाँ सारे भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
ये सोये भाग्य जगा देती,भर लो झोलियाँ।साथो को वंस बना देती,भर लो झोलियाँ।
भवरो में नाव चला देती,भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
सारी सृस्टि की ये पालक है मां,भर लो झोलियाँ।
तीनो लोक की मालक है, भर लो झोलियाँ। सारे भर लो झोलिया।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।
ताकि हो गयी दयाल है भर लो झोलियाँ।
माँ को सबका ख्याल है भर लो झोलियाँ।
भर लो झोलियाँ सारे भर लो झोलियाँ
भर लो झोलियाँ सारे भर लो झोलियाँ।सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां। मां भंडारे बैठी खोल के,भर लो झोलियां।