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विविध भजन

Mukti ka koi tu jatan karle re roj thoda hari ka bhajan karle,मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे,रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले

मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे,
रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले ।