तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं।
Tag: Bajrangi karo visram satsang pura huwa
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया
सत्संग की गंगा मंदिर में बही जाय, जामे कोई कोई नहाए।
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में,
इक चुटकी सिन्दूर माँग भरी जो, मिल जाते मैया को मेरे श्री राम,
राम राम राम जी के दूत हनुमान जी।
राम का ऐसा दीवाना दूसरा कोई नहीं,
सीताजी बोली रामजी कमाल हो गया,
बजरंगी लाल मेरा लाल लाल हो गया।।
तेरे रंग में रंग गई सांवरे मैने छोड़ दिया घर बार,
दासी अपनी राख ले।
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