मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रिज की गलियों में ।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों मे।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
गलियन में भई कुंजन में (२)
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में ।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
जन्म जन्म से ढूंढ रही थी (२)
दर -दर पे मैं खोज रही थी (२)
मुझे मिल गया नन्द कुमार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिल गया मेरा रिझवार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिल गया नन्द कुमार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
मोसे कहे इत आओ रे सजनी(२)
बीच डगर मोरी बाँह पकड़ ली (२)
मैं तो हो गयी शर्मोसार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
मैंने उस दिन क्या नहीं पाया (२)
कोई भी समझ नहीं पाया (२)
मेरा बस दिव्य संसार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों मे।
कैसे कहूँ री मो पे क्या -क्या गुज़री (२)
मन मोहन की मैं हो गई भंवरी (२)
मेरे नैना हो गया चार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
ऐ री चुभ गये री मेरे उर अंतर में
शयाम त्रिगण के तीर,
ऐसे तीर के छीन -छीन मैं
मेरे रोम-रोम गए चीर।
अंग अंग मेरो फट्यो जाट है
और जरयो जात शरीर,
यतन करो कोई वैध बुलाओ
मोहे दो ऐसी अक्सीर,
इन घावों में बसयो रहे
नित् प्रेमी श्याम अहीर,
मेरी सखी न मैं मरी न जीती
मेरे उठत कलेजे पीर,
कार की गति करो ही जाने (२)
देखे बिना मन एक न माने (२)
मैं तोह लूट गयी बीच बाजार ब्रिज की गलियों।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों में ।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
सुध बुध खोये डोल रहीं हूँ (२)
लोक लाज सब छोड़ चुकी हूँ (२)
मैं तोह भूल गयी संसार ब्रिज की गलियों में।
मैंने छोड़े लोकाचार ब्रिज की गलियों में।
मुझे मिला रंगीला यार ब्रिज की गलियों मे।
मुझे मिला रसीला यार ब्रिज की गलियों में।
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मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रिज की गलियों में ।