काली कमली वालेया मैं तेरी हाँ
सोने नैना वालेया मैं तेरी हाँ।।
Tag: Apne kanha ki sun lo shikayat
हमारी गली कान्हा होके जाना। हमारी सुधि कान्हा लेते जाना।
काया नगर रे बीच में रे,
लहरिया लम्बा पेड़ खजूर
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
चामड़े री पुतली भजन कर ले,
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
ओ कान्हा मेरे ओ कान्हा मेरे, तेरी राह निहारु पनघट पे,
कान्हा कान्हा कब से पुकारू हर पल तोरी राह को निहारु,
सुन मेरे कान्हा,
ज़रा ये बताना,
खफा हमसे तू क्यूँ हो गया,
आज म्हारे कानुड़े रे काई होयो,
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