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विविध भजन

Prabhu ne ajab likhi takdir,प्रभु ने अजब लिखी तकदीर,

प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

तर्ज, सवारियां ले चल परली पार

प्रभु ने अजब लिखी तकदीर। होना था अभिषेक राम का, गए वन को रघुवीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

हरिश्चंद्र था दानी दाता। खाली न कोई द्वार से जाता। किस्मत ने क्या खेल रचाया, बन गए आज फकीर 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

प्रभु ने अजब लिखी तकदीर। होना था अभिषेक राम का, गए वन को रघुवीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

नीर भरण सरवन जब पहुंचे। लगा तीर प्राण जब छूटे। अंत समय में मात पिता को, पिला सके ना नीर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

प्रभु ने अजब लिखी तकदीर। होना था अभिषेक राम का, गए वन को रघुवीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

द्रोपदी पांच पतियों की नारी। सब ने गर्दन नीचे डारी। भरी सभा में लाज उतारी। कृष्ण बढा रहे चीर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

प्रभु ने अजब लिखी तकदीर। होना था अभिषेक राम का, गए वन को रघुवीर।प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।

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