तर्ज,कन्हैया ले चल परली पार
ओ मैया गजब तेरा श्रृंगार२
गोरा बदन सूरत मतवाली,नैना बरसे प्यार।
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तेरे मुकुट की छबि निराली,
नैन तेरे अमृत की प्याली।
चंचल चितवन अधर पे लाली,
नाक में नथली कान में बाली।
कुंडल दमके ज्यों दामिनी,
तेरा मकरा हार।
ओ मैया….
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लाल वस्त्र मेरे मन को मोहे,
लाल चुनरिया तुझपे सोहे।
सुधड़ नासिका तिरछी भोहे,
गल हीरों की माला सोहे।
बाजूबंद की छटा निराली, महिमा अपरंपार।
ओ मैया….
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कमर करधनी लगी सुहानी,
मोतियांन की लड़ियां लटकानी।
नजर ना लग जाए रानी,
नही कोई है तुम सा दानी।
बली बली जाऊं देख नजारा, लेऊ नजर उतार।
ओ मैया…
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ओ मैया गजब तेरा श्रृंगार२
गोरा बदन सूरत मतवाली,नैना बरसे प्यार।