तीनों लोकों में गूँजा है जयकारा माँ का
Tag: Aaj ghar me maine kirtan karaya
तुम्हें कैसे मनाऊं हनुमत में। आ जाओ तुम कीर्तन में।
भरोसे हम तो बाबा के,
जो होगा देखा जाएगा
ऐसी रचना रच गया तू जहां देखूं वहां तू ही तू।
मुझे कब से तेरा है इंतजार सांवरे। मेरे घर भी तो आजा मेरे यार सांवरे।
तर्ज, हे गिरधर तेरी आरती गाऊ बांके बिहारी तेरी याद सताए,याद सताये मेरे नैना भर आये,बांके बिहारी तेरी याद सताए, आँखों में तेरी सूरत प्यारी,यादों में तेरी मूरत प्यारी,नैनो में तेरी छवि मुस्काये,बांके बिहारी तेरी याद सताए, फूलों कलियों में तेरी छवि है,बुलबुल के गीतों में तुम्हारी श्रुति है,वाणी तेरी ही तेरे गुण गाये,बांके बिहारी […]
आ गई है गौरा, घर-घर में मचे शोर। मैं बनी पतंग मेरी, गोरा बन गई डोर।
आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
बहुत नाज करते है रहमत पें हम,
सलामत रहे तेरी नजरे करम,
आओ माँ आओ माँ भगतो के घर कभी आओ माँ,
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