आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।बुलाऊं तुम्हें घर अंगना,बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।🌺🌺🌺🌺🌺आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
तेरे लिए कान्हा मैंने ग्वालों को बुलाया। आ करके गईया चराना ना करना बहाना,बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
तेरे लिए कान्हा मैंने झूला डलवाया। राधा संग झूला झूल जाना,ना करना बहाना,बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
तेरे लिए कान्हा मैंने सखियों को बुलाया।मधुवन में रास रचाना मुरलिया बजाना, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।🌺🌺🌺🌺🌺आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
तेरे लिए कान्हा मैंने माखन बनाया। जी भर के माखन खाना और मिश्री भी खाना, खूब फैलाना, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।🌺🌺🌺🌺🌺आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।