तुलसा घूम रही ब्रज धाम, जाने कहां मिलेंगे श्याम।
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जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर, मुझे खाटू बुलाया तेरा शुक्रिया
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन कर देख ज़रा
मुझे सांवरे के दर से कुछ ख़ास मिल गया है।
बड़ी दूर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
अपना दहिया तू उतार, गोरी ना जा जमुना पार
श्याम चंदा है श्यामा चकोरी,
बड़ी सुन्दर है दोनों की जोड़ी।
मुरली की तान सुनूंगी,कन्हैया तुम्हे जाने ना दूंगी
भगवती सामने खुद खड़ी,नाम जपलो घड़ी दो घड़ी
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