मुझे सांवरे के दर से कुछ ख़ास मिल गया है।
Tag: shyam chaurasi
दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर
तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है।
श्याम को घोरलियो सिंगार
थारी चाकरी में चूक कोनी राखुं म्हारा सांवरिया,
मेरे सीर पे सदा तेरा हाथ रहे
मुझको अगर तूं फूल, बनाता ओ सांवरे
shyam chaurasi, श्याम चौरासी
म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे