मेरी प्यारी तुलसा जी बनेगी दुल्हनियां
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रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
तेरा दीवाना हुआ बनवारी, सुन तुलसा प्यारी महारानी।
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
बड़ी दूर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
भगवती सामने खुद खड़ी,नाम जपलो घड़ी दो घड़ी
मेरा रूठे ना सतगुरु प्यारा, चाहे सारा जग रूठे
उमर सारी बीत गयी माला न फेरी।
ठुमक ठुमक कर घोड़ो आवे मोतिया जड़ी लगाम
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