मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे, वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे
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मन तू सतसंग करले भाई, आधी मे पुनिआध,
उमर सारी बीत गयी माला न फेरी।
मैंने मानुस जनम तुमको हीरा दिया,
तूने यूँ ही गवांया तो मैं क्या करूं।
हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। जब यमदूत लेन को आये,नैक धरे न धीर,मार मार के जान निकले,बहे नैन से नीर।हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। कोई रोवे कोई मल-मल धोवे,कोई उढावे चीर। चार जने जब मिलकर ले गये,ले गये मरघट तीर। हंसा […]
बहन मेरी बनी हवेली चार, राम गुण में ना गाऊँगी।
ऊंगली पकड़के ले आया मुझे,खाटू नगरी घुमाया मुझे।