सुनलो अरज हमारी,
मैं हूँ शरण तुम्हारी,
Tag: Kab aaoge guruji mhare desh meera
सद्गुरु प्यारे से,जिसका सम्बन्ध है,
उसको हर दम आनंद ही आनंद है।
गुरु जी मेरे ले लो कलम दवात, लेख मेरे बढ़िया से लिखियो।
मेरा रूठे ना सतगुरु प्यारा, चाहे सारा जग रूठे
लिखने वाले तू होके दयाल लिख दे।
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने हमें जीना सीखा दिया।
सुरमा गुरु ज्ञान वाला,अंखियों में ऐसा डाला
कब आवोगे गुरुजी म्हारे देश,मीरा देखण बाट खड़ी
मंदिर जाती मीरा ने सांवरीयो मिल गयो रे