सुन री यशोदा मैया, तेरे नंदलाल ने
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
Tag: Aao shyam ji kanhaiya nandlal ji
सुनो कान्हा कि ओ मैया, तेरा कान्हा सताता है,
अजब अनोखा करके श्रृंगार, होकर नंदी पर वो सवार,
बेदर्दी ओ कान्हा कब तक तड़पाओगे।
तेरा भक्त करे तने याद श्याम,तने आनो पडसी रे
सावन आयो आओ नंदलाल,
कान्हा प्यारा उठो नी, आंख्या माथे आयो तावडियो।
अरे ओरे छोरा नंद जी का
फागुन में फाग खिला जा रे ।
Apne kanha ki sun lo shikayat,jo batane ke kabil nahi hai,
मारो माखन गयो रे चुराई यशोदा थारो कानुडो
You must be logged in to post a comment.