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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Apne kanha ki sun lo shikayat,jo batane ke kabil nahi hai,अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है,krishna bhajan

Apne kanha ki sun lo shikayat,jo batane ke kabil nahi hai,

अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है
जो देता है दर्द दिलों को वो दिखाने के काबिल नहीं हैं।

मैया पहली शिकायत हमारी, बागों में मिले थे मुरारी
उसने मारी जो नैन कटारी, मेरे हाथों से छूट गई डारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है।

मैया दूसरी शिकायत हमारी, पनघट पे मिले थे मुरारी
उसने फोड़ी जो मटकी हमारी, वो उठाने के काबिल नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है।

मैया तीसरी शिकायत हमारी, गलियों में मिले थे मुरारी
उसने फाड़ी जो चुनरी हमारी जो ओढ़ने के काबिल नही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है।

मैया चौथी शिकायत हमारी महलो में मिले थे मुरारी
पकड़ी कलाई जो हमारी जो बताने के काबिल नही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है।

मैया पाँचवीं शिकायत हमारी सत्संग में मिले थे मुरारी
उसने फोड़ी जो ढोलक हमारी,जो बजाने के काबिल नही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपने कान्हा की सुन लो शिकायत जो बताने के काबिल नहीं है।

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