बन गए नन्दलाल लिलिहारि, के लीला गुदवा लो प्यारी
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मेरों मन लाग्यो बरसाने में, जहाँ विराजे राधा रानी,
लाल ध्वजा तेरी लहराई जय हनुमत जय बलदाई।
सुन री यशोदा मैया, तेरे नंदलाल ने
कंकरिया से मटकी फोड़ी,
कैसो खेल रच्यो मेरे दाता,
जित देखू उत तू ही तू,
अंजनी रो लालो प्यारो घणों जी, न्यारो घणों जी।महे बालाजी पे करा रे गुमान
कन्हैया लाल घड़लो म्हारो,भर दे रे।
झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
जादू भरी है बनवारी,श्याम मुरली तुम्हारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
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