क्यों रूठ गई वृषभान लली,
हमें तेरा ही एक सहारा है,
Tag: Chahe rutho ya raji raho
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा।
जब रूठ गये शिव शम्भु जा कैलाश पे गाड़े तंबू
कान्हा प्यारा उठो नी, आंख्या माथे आयो तावडियो।
मेरे घर आना बनवारी,मोहे कुछ न चाहिए।
जब गाय नही होगी,गोपाल कहाँ होंगे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है।
चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे बुलाना पड़ेगा
तुम रूठे रहो मोहन हम तुम्हें मना लेंगे