गुरु जी बिना कोई काम न आवे,
कुल अभिमान मिटावे है।
Tag: dene se pahle kya kabhi
कभी फुर्सत तो मैया आ जाओ
रुखा सूखा भोग लगा जाओ।
बेदर्दी ओ कान्हा कब तक तड़पाओगे।
क्या तू लेके आया है क्या तू लेके जायेगा।
तेरे नाम का पुजारी आया, तेरे दर का भिखारी आया
देने से पहले क्या कभी, सोचा है सांवरे