अरे ओरे छोरा नंद जी का
फागुन में फाग खिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।
गढ़ गोकुल के कुँवर कन्हैया ,
अब बरसाने आजा रे – 2
राधे जी से लगन लगी है – 2
सौ सौ प्रीत निभा जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।अरे ओरे छोरा नंद जी का – 2
फागुन में फाग खिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।
झोली भर गुलाल की लाये ,
मुख चौरस लिपटा जा रे – 2
केसर जल का होद भरा है – 2
सौ सौ रंग लगा जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का ।अरे ओरे छोरा नंद जी का – 2
फागुन में फाग खिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।
भानुगढ़ में भांग घुटी है ,
गहरा रंग जमा जा रे -2
चन्द्र सखि भज बाल कृष्ण छवि – 2
पीजा और पिला जा रे ।अरे ओरे छोरा नंद जी का – 2
फागुन में फाग खिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।
ओरे छोरा नन्द जी का ,
फागुन में फाग खिला जा रे ।
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अरे ओरे छोरा नंद जी का
फागुन में फाग खिला जा रे ।