मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया,
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जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
मोर छड़ी के झाड़े से बदल गए हालात
मनै इब बैरा पाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
बहना बोलो ग्यारस के दिन राधे राधे,
राधा बनी कमल की माल श्याम भँवरा सो बनो।
वृन्दावन नाचे मोर, अजी मोर,
मैं मोर देखने जाऊँगी,
तर्ज, हे गिरधर तेरी आरती गाऊ बांके बिहारी तेरी याद सताए,याद सताये मेरे नैना भर आये,बांके बिहारी तेरी याद सताए, आँखों में तेरी सूरत प्यारी,यादों में तेरी मूरत प्यारी,नैनो में तेरी छवि मुस्काये,बांके बिहारी तेरी याद सताए, फूलों कलियों में तेरी छवि है,बुलबुल के गीतों में तुम्हारी श्रुति है,वाणी तेरी ही तेरे गुण गाये,बांके बिहारी […]
नजदीक मेरे आने में आफत घबराती है,
मेरे सर पर श्यामधणी की मोरछड़ी लहराती है ,
मोरिया पाखड़ली दे दे ,सांसेरा गांव री रे।
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