सावरा मारे घरा भी आजे रे,
राधा रुकमण लेन सावरा,
बेगो आजे रे,
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बाबा जी तेरी खोली में छम छम नाचे मोर
तू श्याम रिझा बन्दे,
तेरी बिगड़ी संवर जाएं,
ये मोरछड़ी लहरा दो,मेरे सारे कष्ट मिटा दो,
सेठा में सांवरो सेठ,
बाकी सब डुप्लीकेट,
ओ सिर पे पंख मोर
बोले तोतले से बोल,
कहे इसे माखन चोर मेरे दिल में भावे से,
म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,
मोर छड़ी और नीले में जंग छिड़ी है भारी,
तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
सावरे बिन तुम्हारे गुजारा नहीं
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