सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।
Category: राम भजन लिरिक्स
जनक दुलारी की होती बिदाई ।
रोये नगरिया हो
चिट्ठी राम जी के नाम लिख दो।सारे भक्तों का प्रणाम लिख दो।
हे दशरथ नंदन दया करो, हम शरण तुम्हारी आए हैं
सुर से सुनाऊं, सरगम से सुनाऊं सतसंग में सुनाऊं सबको, कि महिमा राम नाम की।
मीठा लागे भीलनी रा बोर,
ओ लक्ष्मण भैया,
कहाँ लगा तेरे तीर
अरे लक्ष्मण भैया
आएंगे प्रभु आएंगे। राम मेरे घर आएंगे,
सीता परणीजे,श्री रामजी चंवरयां में डोले रे
आए बैठे कौशल्या की गोद, राम चंद दूल्हा बने।
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