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राम भजन लिरिक्स

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सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।

सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।


रामजी के माथे पे किरीट मुकुट हैं।
सिया जी की मोतियन से मांग भराई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।

राम जी के कानों में कुंडल जो सोहे।
सिया जी की झुमकी में हीरा जड़ाई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।


राम जी के हाथों में धनुष-बाण हैं।
सिया जी के हाथों में मेंहदी रचाई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।


राम जी को सोहे केसरिया जामा।
सिया जी की चुनरी से गांठ जोड़ाई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।

कनक खांब से पड़त भँवरिया।
भक्त जनों से भँवर डराई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।


चौके चार सुमित्रा ने पूरे।
कैकेयी ने,आरती सजाई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।

कंचन थाल कपूर की बाती।
परछन करत कौशल्या माई।
सिया बनी दूल्हन, दूल्हा रघुराई।

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